"नाम" ही संज्ञा है|
उदाहरण: ताजमहल, गंगा, दीपावली, राम,पाकिस्तान,मथुरा, हिमालय, कविता |
संज्ञा के भेद:
संज्ञा के मुख्य रूप से पांच भेद होते हैं :
1). व्यक्तिवाचक संज्ञा
2). जातिवाचक संज्ञा
3). भाववाचक संज्ञा
4). समूहवाचक संज्ञा
5). द्रव्यवाचक संज्ञा
व्यक्तिवाचक संज्ञा - किसी खास व्यक्ति, प्राणी, वस्तु अथवा स्थान का बोध हो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे राम, अयोध्या, लंका, ताज महल आदि।
जातिवाचक संज्ञा - जिससे संपूर्ण जाति का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - सेवक, खेल, फिल्म, दवा आदि।
भाववाचक संज्ञा - जिससे पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - लाचार, लड़कपन, झगलाड़ू आदि।
समूहवाचक संज्ञा - जिससे व्यक्तियों, वस्तुओं आदि के समूह अथवा समुदाय का बोध हो उन्हें समुदायवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - चाबी का गुच्छा, चींटी का झुंड आदि।
द्रव्यवाचक संज्ञा - जिससे किसी धातु, द्रव्य आदि पदार्थों का बोध हो उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - पानी, लोहा, रेत आदि।
उदाहरण: ताजमहल, गंगा, दीपावली, राम,पाकिस्तान,मथुरा, हिमालय, कविता |
संज्ञा के भेद:
संज्ञा के मुख्य रूप से पांच भेद होते हैं :
1). व्यक्तिवाचक संज्ञा
2). जातिवाचक संज्ञा
3). भाववाचक संज्ञा
4). समूहवाचक संज्ञा
5). द्रव्यवाचक संज्ञा
व्यक्तिवाचक संज्ञा - किसी खास व्यक्ति, प्राणी, वस्तु अथवा स्थान का बोध हो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे राम, अयोध्या, लंका, ताज महल आदि।
जातिवाचक संज्ञा - जिससे संपूर्ण जाति का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - सेवक, खेल, फिल्म, दवा आदि।
भाववाचक संज्ञा - जिससे पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - लाचार, लड़कपन, झगलाड़ू आदि।
समूहवाचक संज्ञा - जिससे व्यक्तियों, वस्तुओं आदि के समूह अथवा समुदाय का बोध हो उन्हें समुदायवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - चाबी का गुच्छा, चींटी का झुंड आदि।
द्रव्यवाचक संज्ञा - जिससे किसी धातु, द्रव्य आदि पदार्थों का बोध हो उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - पानी, लोहा, रेत आदि।