क्रिया - वैसे शब्द जिससे किसी कार्य का करना या होना समझा जाता है उसे क्रिया कहते हैं । जैसे: पढ़ना, सिखना, खेलना, सोना |
क्रिया दो तरह के होते है।
(1). सकर्मक क्रिया
(2). आकर्मक क्रिया
सकर्मक क्रिया- जो क्रिया कर्म के साथ आती है अथवा जिस क्रिया के कार्य का फल कर्ता से निकलकर दूसरी वस्तु पर पड़ता है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे: मोहन फिल्म देखता हैं| रीता सो जाओ।
आकर्मक क्रिया- :- कर्म क्रिया के साथ नहीं होता तथा कर्म का फल कर्ता पर पड़ता है, उसे आकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे: राधा खेलती है| राम जाता है।
क्रिया दो तरह के होते है।
(1). सकर्मक क्रिया
(2). आकर्मक क्रिया
सकर्मक क्रिया- जो क्रिया कर्म के साथ आती है अथवा जिस क्रिया के कार्य का फल कर्ता से निकलकर दूसरी वस्तु पर पड़ता है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे: मोहन फिल्म देखता हैं| रीता सो जाओ।
आकर्मक क्रिया- :- कर्म क्रिया के साथ नहीं होता तथा कर्म का फल कर्ता पर पड़ता है, उसे आकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे: राधा खेलती है| राम जाता है।